Movie/Album: बियॉण्ड टाइम (1987)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर
Performed By: जगजीत सिंह
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर
Performed By: जगजीत सिंह
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं उसको ख़ुदा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं…
ज़िन्दगी को भी सिला कहते हैं कहने वाले
जीने वाले तो गुनाहों की सज़ा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं…
फ़ासले उम्र के कुछ और बढ़ा देती है
जाने क्यूँ लोग उसे फिर भी दवा कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं…
चंद मासूम से पत्तों का लहू है ‘फ़ाकिर’
जिसको महबूब के हाथों की हिना कहते हैं
जिसको देखा ही नहीं…