Movie/Album: चंदन (1958)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
ये खुले खुले से गेसू
ये उड़ी उड़ी सी रंगत
मेरी सुबह कह रही है
मेरी रात का फसाना
लोग कहे मेरे नैन बावरे
इन पागल नैनों में एक दिन
बसते थे पिया सँवारे, हाय राम
लोग कहे मेरे नैन बावरे…
वो भी क्या दिन थे जब सावन
प्रीतम के संग आता था
जीवन का एक-एक सवेरा
एक नया रंग लाता था
नज़र लगी बैरन दुनिया की
भोर गयी और हुई शाम रे
लोग कहे मेरे नैन बावरे…
कब देख सकी दुनिया, हाय प्यार किसी का
बिछड़े न कभी मिलकर, दिलदार किसी का
दिवाना ज़माना क्यों, हँसता है मोहब्बत पर
ऐ काश कि ये होता, बीमार किसी का
कब देख सकी दुनिया, हाय प्यार किसी का
लोग कहे मेरे नैन बावरे…