Movie/Album: प्रेम परबत (1973)
Music By: जयदेव
Lyrics By: जाँ निसार अख़्तर
Performed By: लता मंगेशकर
Music By: जयदेव
Lyrics By: जाँ निसार अख़्तर
Performed By: लता मंगेशकर
ये दिल और उनकी निगाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाँहों के साये
पहाड़ों को चंचल किरन चूमती है
हवा हर नदी का बदन चूमती है
यहाँ से वहाँ तक, हैं चाहों के साये
ये दिल और…
लिपटते ये पेड़ों से बादल घनेरे
ये पल-पल उजाले, ये पल-पल अंधेरे
बहुत ठंडे-ठंडे, हैं राहों के साये
ये दिल और…
धड़कते हैं दिल कितनी आज़ादियों से
बहुत मिलते-जुलते हैं इन वादियों से
मुहब्बत की रंगीं, पनाहों के साये
ये दिल और…