Movie/Album: एक महल हो सपनों का (1975)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: किशोर कुमार
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: किशोर कुमार
देखा है ज़िन्दगी को, कुछ इतना करीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
देखा है ज़िन्दगी को…
कहने को दिल की बात, जिन्हें ढूँढते थे हम
महफ़िल में आ गए हैं वो अपने नसीब से
देखा है ज़िन्दगी को…
नीलाम हो रहा था किसी नाज़नीं का प्यार
क़ीमत नहीं चुकाई गई एक गरीब से
देखा है ज़िन्दगी को…
तेरी वफ़ा की लाश पे, ला मैं ही डाल दूँ
रेशम का ये कफ़न, जो मिला है रक़ीब से
देखा है ज़िन्दगी को…