Movie/Album: चोरी चोरी चुपके चुपके (2001)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: जसपिंदर नरूला
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: जसपिंदर नरूला
बंद मुट्ठी में दिल को छुपाये बैठे हैं
है बहाना के मेहँदी लगाये बैठे हैं
मेहँदी हाँ हाँ मेहँदी…
टूट के डाली से हाथों पे बिखर जाती है
ये तो मेहँदी है, मेहँदी तो रंग लाती है
लोग बागों से इसे तोड़ के ले आते हैं
और पत्थर पे इसे शौक से पिसवाते हैं
फिर भी होंठों से इसके उफ़ तलक ना आती है
ये तो मेहँदी है…
अपने रस रंग से इस दुनिया को सजाना है
काम मेहँदी का तो ग़ैरों के काम आना है
अपनी खुशबू से ये सेहराओं को महकाती है
ये तो मेहँदी है…