Movie/Album: सूरमा (2018)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: दिलजीत दोसांझ
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: दिलजीत दोसांझ
कभी उसे नूर नूर कहता हूँ
कभी मैं हूर हूर कहता हूँ
इश्क़ में चूर चूर रहता हूँ
दूर ना जा
ना जा, आँखों आँखों में ही रहना
आँखों आँखों में…
इश्क़ दी बाजियाँ, जीतियाँ न हारियाँ
जान से लग गयीं, जान की यारियाँ
गिन के देख बदन पे, नील दिए हैं इश्क़ ने
पड़े जो हाथ पे छाले, छील दिए हैं इश्क़ ने
वे मैं सारे दुख सहणा, तेनु नई दसणा
हो लागियाँ, इश्क़ दी बाजियाँ…
कभी उसे नूर…
तेरे बिन, बिन तेरे सूफियों के डेरे
देख मैंने कितने लगाये फेरे अड़िये
हो छोड़ के भी जाना हो तो
हरी-भरी बैरी तल्ले
छल्ला छड जाई नी कुड़िये
याद आ जाये तो
तेरा नाम लेके झूम लूँ
शाम आ जाए तो उठ के
चाँद का माथा चूम लूँ
वे मैं सारे दुःख सहणा…